अन्न भाग्य योजना भारत में एक सरकारी योजना है जो गरीबों और जरूरतमंदों को मुफ्त अनाज प्रदान करती है। यह योजना 2013 में कर्नाटक सरकार द्वारा शुरू की गई थी, और वर्तमान में इसे राज्य में लागू किया जा रहा है।
अन्न भाग्य योजना के लाभार्थी वे परिवार हैं जो गरीबी रेखा से नीचे (बीपीएल) और अंत्योदय अन्न योजना (एएवाई) के लाभार्थी हैं। उन्हें राज्य सरकार के खाद्य और नागरिक आपूर्ति विभाग के साथ पंजीकृत होना चाहिए।
अन्न भाग्य योजना के तहत प्रदान किए जाने वाले खाद्यान्न चावल और गेहूं हैं। लाभार्थी प्रति माह प्रति व्यक्ति 5 किलो चावल और 2 किलो गेहूं प्राप्त करने के हकदार हैं।
अन्न भाग्य योजना का उद्देश्य गरीबों और जरूरतमंदों को खाद्य सुरक्षा प्रदान करना है। यह योजना राज्य में भूख और कुपोषण को कम करने में मदद करेगी।
अन्न भाग्य योजना की कुछ प्रमुख विशेषताएं इस प्रकार हैं:
- लक्ष्य समूह: यह योजना उन परिवारों पर लक्षित है जो गरीबी रेखा से नीचे (बीपीएल) और अंत्योदय अन्न योजना (एएवाई) के लाभार्थी हैं।
- पात्रता मानदंड: लाभार्थियों को राज्य सरकार के खाद्य और नागरिक आपूर्ति विभाग के साथ पंजीकृत होना चाहिए।
- लाभ: लाभार्थी प्रति माह प्रति व्यक्ति 5 किलो चावल और 2 किलो गेहूं प्राप्त करने के हकदार हैं।
- उद्देश्य: योजना का उद्देश्य गरीबों और जरूरतमंदों को खाद्य सुरक्षा प्रदान करना है।
यदि आप अन्न भाग्य योजना के लिए आवेदन करने में रुचि रखते हैं, तो आप अपने स्थानीय खाद्य और नागरिक आपूर्ति विभाग के कार्यालय से संपर्क कर सकते हैं।
अन्न भाग्य योजना के लिए आवेदन कैसे करें, इसके कुछ चरण इस प्रकार हैं:
- अपने स्थानीय खाद्य और नागरिक आपूर्ति विभाग कार्यालय पर जाएँ।
- आवश्यक दस्तावेजों के साथ अपना आवेदन पत्र जमा करें।
- अधिकारी आपकी पात्रता की जांच करेंगे।
- यदि आप पात्र हैं, तो आपको राशन कार्ड जारी किया जाएगा।
- फिर आप अपने खाद्यान्न को निकटतम राशन की दुकान से प्राप्त कर सकते हैं।
अन्ना भाग्य योजना कर्नाटक सरकार द्वारा एक स्वागत योग्य पहल है। यह राज्य में भूख और कुपोषण को कम करने में मदद करेगा।