परिचय
प्रधानमंत्री इलेक्ट्रिक बस सेवा योजना (PM e-Bus Sewa Scheme) भारत सरकार द्वारा शुरू की गई एक योजना है, जिसके तहत देश भर में 10,000 इलेक्ट्रिक बसों का संचालन किया जाएगा। यह योजना 16 अगस्त, 2023 को केंद्रीय मंत्रिमंडल द्वारा मंजूर की गई थी। इस योजना का उद्देश्य भारत में इलेक्ट्रिक वाहन (EV) उद्योग को बढ़ावा देना और शहरी परिवहन को स्वच्छ और पर्यावरण के अनुकूल बनाना है। इस योजना के तहत, केंद्र सरकार 20,000 करोड़ रुपये का वित्त पोषण करेगी, जबकि राज्य सरकारें भी इसमें शामिल होंगी।
PM e-Bus Sewa Scheme के तहत, इलेक्ट्रिक बसों का संचालन सार्वजनिक-निजी भागीदारी (PPP) मॉडल पर किया जाएगा। इस योजना में, बसों का निर्माण और संचालन निजी कंपनियों द्वारा किया जाएगा, जबकि राज्य सरकारें बसों के लिए भूमि और अन्य बुनियादी ढांचे की सुविधा प्रदान करेंगी। यह योजना 3 लाख और उससे अधिक की आबादी वाले शहरों को प्राथमिकता देगी जहां ऑर्गनाइज़्ड बस सर्विसेज नहीं हैं|
पीएम ई-बस सेवा योजना का उद्देश्य
पीएम ई-बस सेवा योजना का उद्देश्य भारत में इलेक्ट्रिक वाहन (EV) उद्योग को बढ़ावा देना और शहरी परिवहन को स्वच्छ और पर्यावरण के अनुकूल बनाना है। इस योजना के तहत, देश भर में 10,000 इलेक्ट्रिक बसों का संचालन किया जाएगा।
इस योजना के प्रमुख उद्देश्य निम्नलिखित हैं:
- भारत में इलेक्ट्रिक वाहन उद्योग को बढ़ावा देना
- शहरी परिवहन को स्वच्छ और पर्यावरण के अनुकूल बनाना
- प्रदूषण को कम करना
- ऊर्जा दक्षता में सुधार करना
- रोजगार के अवसर पैदा करना
पीएम ई-बस सेवा योजना के बारे में
योजना का नाम | प्रधानमंत्री इलेक्ट्रिक बस सेवा योजना |
किसके दवारा शुरू की गई | भारत सरकार दवारा |
लाभार्थी | देश के नागरिक |
प्रदान की जाने वाली सहायता | देश के कौने-कौने मे इलेक्ट्रिकल बसों का संचालन करना |
इलेक्ट्रिकल बसों की संख्या | 10,000 |
शहर | 100 |
प्रधानमंत्री इलेक्ट्रिक बस सेवा योजना 2037 तक
प्रधानमंत्री इलेक्ट्रिक बस सेवा योजना 2037 तक चलेगी। यह योजना 16 अगस्त, 2023 को केंद्रीय मंत्रिमंडल द्वारा मंजूर की गई थी और इसकी परिकल्पना 10 वर्षों के लिए की गई है। इस योजना के तहत, देश भर में 10,000 इलेक्ट्रिक बसों का संचालन किया जाएगा।
प्रधानमंत्री ई-बस सेवा योजना के अंतर्गत सरकारी रोजगार
पीएम इलेक्ट्रिक बस सेवा योजना से 45,000 से 55,000 लोगों को सीधे रोजगार मिलेगा. जिससे उनकी आय बेहतर होगी और लोग भी योजना का लाभ उठाने के लिए प्रेरित होंगे।
पीएम इलेक्ट्रिक बस सेवा योजना – अनुमानित बजट
प्रधानमंत्री इलेक्ट्रिक बस सेवा योजना के लिए 10,000 बसें संचालित करने के लिए भारत सरकार द्वारा 57,613 करोड़ रुपये का बजट निर्धारित किया गया है। जिससे 20000 करोड़ रुपए केंद्र सरकार और 37613 करोड़ रुपए विभिन्न राज्य सरकार और केंद्र शासित प्रदेश सरकारें देंगी।
यह बजट बसों के निर्माण, खरीद, संचालन और रखरखाव के लिए निर्धारित है।
पीएम इलेक्ट्रिक बस सेवा योजना के तहत, देश भर में 10,000 इलेक्ट्रिक बसों का संचालन किया जाएगा। इन बसों का निर्माण भारत में ही किया जाएगा।
इस योजना के तहत, इलेक्ट्रिक बसों का संचालन सार्वजनिक-निजी भागीदारी (PPP) मॉडल पर किया जाएगा। इस मॉडल में, बसों का निर्माण और संचालन निजी कंपनियों द्वारा किया जाएगा, जबकि राज्य सरकारें बसों के लिए भूमि और अन्य बुनियादी ढांचे की सुविधा प्रदान करेंगी।
पीएम ई-बस सेवा योजना के लिए पात्रता
प्रधानमंत्री ई-बस सेवा योजना के लिए पात्रता निम्नलिखित है:
- आवेदक एक निजी कंपनी या सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी होनी चाहिए।
- आवेदक के पास इलेक्ट्रिक बसों के निर्माण और संचालन का अनुभव होना चाहिए।
- आवेदक के पास भारत में इलेक्ट्रिक बसों के निर्माण के लिए एक विनिर्माण सुविधा होनी चाहिए।
प्रधानमंत्री इलेक्ट्रिक बस सेवा योजना के लाभ
प्रधानमंत्री इलेक्ट्रिक बस सेवा योजना के कई लाभ हैं, जिनमें शामिल हैं:
- भारत में इलेक्ट्रिक वाहन उद्योग को बढ़ावा देना: यह योजना भारत में इलेक्ट्रिक वाहन उद्योग को बढ़ावा देने में मदद करेगी। इससे इलेक्ट्रिक बसों के निर्माण और संचालन के लिए नए उद्योग और नौकरियां पैदा होंगी।
- शहरी परिवहन को स्वच्छ और पर्यावरण के अनुकूल बनाना: इलेक्ट्रिक बसें जीवाश्म ईंधन से चलने वाली बसों की तुलना में बहुत अधिक स्वच्छ होती हैं। इससे वायु प्रदूषण और ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन को कम करने में मदद मिलेगी।
- प्रदूषण को कम करना: इलेक्ट्रिक बसें जीवाश्म ईंधन से चलने वाली बसों की तुलना में बहुत कम प्रदूषण करती हैं। इससे वायु गुणवत्ता में सुधार करने और लोगों के स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में मदद मिलेगी।
- ऊर्जा दक्षता में सुधार: इलेक्ट्रिक बसें जीवाश्म ईंधन से चलने वाली बसों की तुलना में अधिक ऊर्जा कुशल होती हैं। इससे ऊर्जा संसाधनों के संरक्षण में मदद मिलेगी।
- रोजगार के अवसर पैदा करना: यह योजना प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से लाखों लोगों को रोजगार देने में मदद करेगी। इन नौकरियों में बस चालक, कंडक्टर, यांत्रिकी, रखरखाव कर्मचारी, बस स्टैंड के कर्मचारी, बसों के लिए भूमि और अन्य बुनियादी ढांचे का निर्माण और रखरखाव करने वाले कर्मचारी, और बसों के लिए चार्जिंग स्टेशनों का निर्माण और रखरखाव करने वाले कर्मचारी शामिल हैं।
पीएम इलेक्ट्रिक बस सेवा योजना की मुख्य विशेषताएं
यहां पीएम इलेक्ट्रिक बस सेवा योजना के कुछ प्रमुख लाभ दिए गए हैं:
- वायु प्रदूषण को कम करता है: इलेक्ट्रिक बसें किसी भी हानिकारक प्रदूषक का उत्सर्जन नहीं करती हैं, जिससे शहरों में वायु की गुणवत्ता में सुधार करने में मदद मिलेगी।
- ऊर्जा बचाती है: इलेक्ट्रिक बसें पारंपरिक बसों की तुलना में अधिक ऊर्जा-कुशल हैं, जो ऊर्जा संसाधनों के संरक्षण में मदद करेंगी।
- नौकरियाँ पैदा होंगी: इस योजना से इलेक्ट्रिक बसों के निर्माण और संचालन में लगभग 45,000 प्रत्यक्ष नौकरियाँ पैदा होने की उम्मीद है।
- अर्थव्यवस्था को बढ़ावा: यह योजना घरेलू इलेक्ट्रिक वाहन उद्योग को बढ़ावा देगी, जिससे अधिक नौकरियां पैदा होंगी और अर्थव्यवस्था को बढ़ावा मिलेगा।
- पीएम इलेक्ट्रिक बस सेवा योजना सरकार की एक स्वागत योग्य पहल है। यह भारत में इलेक्ट्रिक वाहनों के उपयोग को बढ़ावा देने और वायु प्रदूषण को कम करने की दिशा में सही दिशा में एक कदम है।
यह उम्मीद की जा रही है कि इलेक्ट्रिक बसों का किराया पारंपरिक बसों के किराए के बराबर या उससे कम होगा। ऐसा इसलिए है क्योंकि इलेक्ट्रिक बसों का संचालन जीवाश्म ईंधन से चलने वाली बसों की तुलना में कम खर्चीला होता है।
पीएम ई-बस सेवा योजना – बस किराया
पीएम ई-बस सेवा योजना के तहत संचालित होने वाली बसों का किराया निर्धारित करते समय निम्नलिखित कारकों पर विचार किया जाएगा:
- बसों का आकार और क्षमता: छोटी बसों का किराया बड़ी बसों के किराए से कम होगा।
- बसों की दूरी: लंबी दूरी की बसों का किराया कम दूरी की बसों के किराए से अधिक होगा।
- बसों की सुविधाएं: अधिक सुविधाओं वाली बसों का किराया कम सुविधाओं वाली बसों के किराए से अधिक होगा।
- प्रतिस्पर्धा: अन्य सार्वजनिक परिवहन सेवाओं के किराए को भी ध्यान में रखा जाएगा।
पीएम ई-बस सेवा योजना के तहत संचालित होने वाली बसों का किराया निर्धारित करने के लिए एक पारदर्शी प्रक्रिया अपनाई जाएगी।
प्रधानमंत्री ई-बस सेवा योजना – शहरों की सूची
प्रधानमंत्री ई-बस सेवा योजना के तहत 10,000 इलेक्ट्रिक बसों को 169 शहरों में चलाया जाएगा। इन शहरों में शामिल हैं:
- आंध्र प्रदेश: विशाखापत्तनम, विजयवाड़ा, और हैदराबाद
- असम: गुवाहाटी और डिब्रूगढ़
- बिहार: पटना, दरभंगा, और गया
- छत्तीसगढ़: रायपुर और बिलासपुर
- गोवा: पणजी
- गुजरात: अहमदाबाद, सूरत, और गांधीनगर
- हरियाणा: फरीदाबाद, गुरुग्राम, और हिसार
- हिमाचल प्रदेश: शिमला, धर्मशाला, और ऊना
- जम्मू और कश्मीर: श्रीनगर, जम्मू, और बारामूला
- झारखंड: रांची, धनबाद, और जमशेदपुर
- कर्नाटक: बेंगलुरु, मैसूर, और धारवाड़
- केरल: तिरुवनंतपुरम, कोच्चि, और केरल
- मध्य प्रदेश: भोपाल, इंदौर, और ग्वालियर
- महाराष्ट्र: मुंबई, पुणे, और नागपुर
- मणिपुर: इंफाल और थुल्नाओक
- मेघालय: शिलांग और गंगटोक
- मिजोरम: आइजोल और चम्फाई
- नागालैंड: कोहिमा और दीमापुर
- ओडिशा: भुवनेश्वर, राउरकेला, और रायगढ़
- पंजाब: चंडीगढ़, अमृतसर, और जालंधर
- राजस्थान: जयपुर, जोधपुर, और उदयपुर
- सिक्किम: गंगटोक
- तमिलनाडु: चेन्नई, मदुरै, और कोयंबटूर
- तेलंगाना: हैदराबाद, विशाखापत्तनम, और वारंगल
- त्रिपुरा: अगरतला और अगरतला
- उत्तराखंड: देहरादून, हरिद्वार, और रुड़की
- उत्तर प्रदेश: लखनऊ, नोएडा, और कानपुर
- पश्चिम बंगाल: कोलकाता, सिलीगुड़ी, और दुर्गापुर
इन शहरों को इलेक्ट्रिक बस सेवा योजना के लिए चुना गया है क्योंकि इनमें अच्छी जनसंख्या घनत्व और उच्च मांग है। इन शहरों में सार्वजनिक परिवहन को बेहतर बनाने की आवश्यकता है, और इलेक्ट्रिक बसें ऐसा करने का एक शानदार तरीका है।
पीएम ई-बस सेवा योजना के तहत, इन शहरों में इलेक्ट्रिक बसों का संचालन सार्वजनिक-निजी भागीदारी (PPP) मॉडल पर किया जाएगा। इस मॉडल में, बसों का निर्माण और संचालन निजी कंपनियों द्वारा किया जाएगा, जबकि राज्य सरकारें बसों के लिए भूमि और अन्य बुनियादी ढांचे की सुविधा प्रदान करेंगी।